आजकल हर दूसरे भारतीय को सीने में जलन या एसिडिटी की शिकायत होती है, लेकिन क्या हो अगर यह एक गंभीर बीमारी का संकेत हो? GERD (गैस्ट्रोएसोफैगल रिफ्लक्स डिजीज) सिर्फ आम एसिडिटी नहीं है, बल्कि यह Esophageal Cancer जैसी बड़ी बीमारियों का कारण भी बन सकता है। अगर आपके परिवार में किसी को बार-बार खट्टी डकारें या गले में जलन होती है, तो यह आर्टिकल उनके लिए जीवन बचाने वाला साबित हो सकता है!
GERD क्या है?
GERD तब होता है जब एसिड रिफ्लक्स बार-बार हो और सीवियर हो जाए। इसमें पेट का एसिड या बाइल पीछे की तरफ इसोफेगस (Esophagus) में चला जाता है, जिससे इसकी लाइनिंग डैमेज होने लगती है। लंबे समय तक इसे इग्नोर करने से Esophageal Stricture (इसोफेगस की सिकुड़न) या Esophageal Cancer जैसी खतरनाक बीमारियां हो सकती हैं।
GERD के लक्षण:
हार्टबर्न (Heartburn): खाने के बाद या लेटने पर सीने और गले में जलन।
रिगर्जिटेशन (Regurgitation): एसिड वापस गले तक आ जाना, जिससे खट्टा या कड़वा स्वाद महसूस होना।
डिस्फेज़िया (Dysphagia): निगलने में दिक्कत या गले में फंसा हुआ महसूस होना।
क्रॉनिक कफ (Chronic Cough)/आवाज़ बैठना: लगातार खाँसी या आवाज़ में भारीपन।
चेस्ट पेन (Chest Pain): हार्ट अटैक जैसा दर्द, खासकर खाने के बाद।
अगर ये लक्षण हफ्तों तक बने रहें, तो इसे हल्के में न लें! डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।
GERD के कारण और रिस्क फैक्टर्स:
LES (Lower Esophageal Sphincter) का कमजोर होना – जिससे एसिड वापस ऊपर आता है।
मोटापा – पेट पर ज़्यादा प्रेशर पड़ने से एसिड रिफ्लक्स बढ़ सकता है।
Hiatal Hernia – स्टमक का ऊपरी हिस्सा डायफ्राम (Diaphragm) के ऊपर आ जाता है।
डाइट – मसालेदार खाना, खट्टे फल (Citrus fruits), चॉकलेट, कैफीन और एल्कोहल इसे ट्रिगर कर सकते हैं।
प्रेगनेंसी – हार्मोनल बदलाव और बच्चे की ग्रोथ से प्रेशर बढ़ सकता है।
GERD का उपचार:
1. जीवनशैली में बदलाव:
वज़न कम करें – इससे पेट पर दबाव कम होगा और लक्षण कम होंगे।
ट्रिगर फूड्स से बचें – मसालेदार खाने, चॉकलेट, कैफीन और एल्कोहल से परहेज करें।
खाने के तुरंत बाद न लेटें – कम से कम 2-3 घंटे का गैप दें।
सोने के समय बेड का हेड ऊँचा करें – ताकि एसिड ऊपर न आ सके।
2. दवाइयाँ (Medications):
Antacids (एंटासिड्स): एसिड को न्यूट्रलाइज़ कर तुरंत राहत देते हैं।
PPIs (Proton Pump Inhibitors): एसिड प्रोडक्शन को कम करते हैं
H2 रिसेप्टर ब्लॉकर्स: एसिड प्रोडक्शन को नियंत्रित करते हैं।
3. सर्जरी:
Fundoplication (फंडोप्लिकेशन): जब दवाइयों से फायदा न हो, तो LES को मजबूत करने के लिए सर्जरी की जाती है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
क्या GERD कैंसर का कारण बन सकता है?
हाँ, अगर इसे अनदेखा किया जाए तो Esophageal Cancer का रिस्क बढ़ सकता है।
क्या GERD पूरी तरह ठीक हो सकता है?
सही ट्रीटमेंट और लाइफस्टाइल चेंजेस से इसे कंट्रोल किया जा सकता है, लेकिन कुछ मामलों में यह क्रॉनिक भी हो सकता है।
इसे कैसे रोका जा सकता है?
सही वज़न बनाए रखें, ट्रिगर फूड्स से बचें और स्ट्रेस मैनेजमेंट पर ध्यान दें।
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Disclaimer:
यह लेख केवल शैक्षिक उद्देश्य के लिए है। किसी भी मेडिकल स्थिति के लिए डॉक्टर से परामर्श ज़रूर लें।