“अगर किसी को अचानक सीने में दर्द हो, सांस फूल रही हो, और पसीना आ रहा हो, तो आपकी एक सही हरकत उसकी जान बचा सकती है!”
हर साल लाखों लोग हार्ट अटैक का शिकार होते हैं, लेकिन सही समय पर सही कदम उठाने से किसी की जान बचाई जा सकती है। अधिकतर लोग घबरा जाते हैं या सही प्रतिक्रिया देने में देर कर देते हैं। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि हार्ट अटैक के दौरान क्या करना चाहिए और कैसे तुरंत प्रतिक्रिया दें।
हार्ट अटैक के मुख्य लक्षण जो आपको तुरंत पहचानने चाहिए!
1. सीने में तेज़ दर्द या दबाव
अचानक छाती में भारीपन, जलन, दबाव या दर्द महसूस होना हार्ट अटैक का सबसे प्रमुख लक्षण है।
दर्द बाएं हाथ, गर्दन, जबड़े, या पीठ तक फैल सकता है।
2. सांस फूलना और घबराहट
हल्की गतिविधि करने पर भी सांस लेने में दिक्कत हो सकती है।
पसीना आना और घबराहट महसूस होना हार्ट अटैक का संकेत हो सकता है।
3. चक्कर आना और बेहोशी
अचानक कमजोरी महसूस होना और बेहोश होने जैसा लगना हार्ट अटैक का लक्षण हो सकता है।
कमज़ोरी और ब्लड प्रेशर गिरने से यह स्थिति हो सकती है।
4. जी भारी होना और उल्टी महसूस होना
कई बार हार्ट अटैक के दौरान पेट में भारीपन, अपच या उल्टी जैसे लक्षण भी हो सकते हैं।
खासकर महिलाओं में यह लक्षण ज़्यादा देखे जाते हैं।
अगर किसी को हार्ट अटैक आए तो तुरंत क्या करें?
1. घबराएं नहीं, तुरंत इमरजेंसी सेवा को कॉल करें (Dial 108)!
सबसे पहले एम्बुलेंस (108) या नजदीकी अस्पताल को फोन करें।
हार्ट अटैक के मामले में हर सेकंड कीमती होता है!
अगर मरीज होश में है, तो उसे शांत रखें और बैठा रहने दें।
2. एस्पिरिन (Aspirin) चबाने के लिए दें
300mg एस्पिरिन की गोली तुरंत चबाने के लिए दें (अगर मरीज को एलर्जी न हो)।
यह खून को पतला करने में मदद करती है और धमनियों में ब्लॉकेज बनने से रोक सकती है।
3. मरीज को आरामदायक स्थिति में रखें
मरीज को सीधा लिटाएं और सिर थोड़ा ऊंचा रखें।
कपड़े ढीले कर दें ताकि सांस लेने में आसानी हो।
शांत और स्थिर माहौल बनाए रखें ताकि तनाव न बढ़े।
4. सीपीआर (CPR) कैसे करें अगर मरीज बेहोश हो जाए?
अगर मरीज बेहोश हो जाए और सांस नहीं ले रहा हो, तो तुरंत CPR (Cardiopulmonary Resuscitation) करें:
मरीज को सीधा पीठ के बल लिटाएं।
हाथों को छाती के बीच में रखें और 100-120 बार प्रति मिनट दबाव डालें।
तब तक CPR जारी रखें जब तक एंबुलेंस न आ जाए।
5. नाइट्रोग्लिसरीन (Nitroglycerin) दें (अगर पहले से डॉक्टर ने सलाह दी हो)
यदि मरीज को पहले से नाइट्रोग्लिसरीन टैबलेट लेने की सलाह दी गई है, तो उसे 1 गोली जीभ के नीचे रखने के लिए कहें।
ध्यान दें कि यह सिर्फ उन्हीं लोगों को दें, जिन्हें डॉक्टर ने पहले से इसे लेने के लिए कहा हो।
6. मरीज को हिलाने-डुलाने या जबरदस्ती पानी पिलाने से बचें
हार्ट अटैक के दौरान मरीज को हिलाने-डुलाने से बचें क्योंकि इससे दिल पर ज़्यादा दबाव पड़ सकता है।
जबरदस्ती पानी या कोई और ड्रिंक पिलाने से बचें।
क्या न करें अगर किसी को हार्ट अटैक आ जाए?
मरीज को अकेला न छोड़ें
पेनकिलर न दें, जैसे Ibuprofen या Diclofenac
पानी, चाय, कॉफी या शराब न पिलाएं
इंतजार न करें! तुरंत मदद लें
हार्ट अटैक से बचने के 10 उपाय!
स्वस्थ आहार अपनाएं – कम नमक, कम तेल और ज्यादा फल-सब्जियां।
हर दिन कम से कम 30 मिनट व्यायाम करें।
धूम्रपान और शराब को पूरी तरह छोड़ दें।
ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर की नियमित जांच कराएं।
तनाव कम करें, मेडिटेशन और योग रेग्युलरली करें।
7-8 घंटे की अच्छी नींद लें।
हर साल हार्ट चेकअप करवाएं।
बहुत ज्यादा जंक फूड और तले-भुने खाने से बचें।
हार्ट अटैक की फैमिली हिस्ट्री हो तो डॉक्टर से सलाह लें।
अगर पहले कभी हार्ट अटैक आया है, तो डॉक्टर की दी गई दवाइयाँ नियमित रूप से लें।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट में क्या फर्क है?
हार्ट अटैक तब होता है जब दिल की धमनियां ब्लॉक हो जाती हैं, जबकि कार्डियक अरेस्ट में दिल अचानक धड़कना बंद कर देता है।
क्या हर हार्ट अटैक में सीपीआर (CPR) की जरूरत होती है?
नहीं, सीपीआर सिर्फ तभी दें जब मरीज बेहोश हो और सांस न ले रहा हो।
हार्ट अटैक आने के बाद मरीज को अस्पताल ले जाने में कितनी देर होनी चाहिए?
जितनी जल्दी हो सके! पहले 60 मिनट को “गोल्डन ऑवर” माना जाता है, जिसमें इलाज से जान बचने की संभावना सबसे अधिक होती है।
क्या महिलाएं और पुरुषों में हार्ट अटैक के लक्षण अलग होते हैं?
हाँ, महिलाओं में सीने के दर्द की बजाय मतली, कमजोरी, पीठ दर्द, और सांस फूलना जैसे लक्षण अधिक दिखते हैं।
HealthPil आपकी मदद कैसे कर सकता है?
HealthPil पर अनुभवी हृदय रोग विशेषज्ञ उपलब्ध हैं, जो आपको सही जानकारी और उपचार दे सकते हैं। अगर आपको हार्ट हेल्थ को लेकर कोई भी संदेह है, तो तुरंत विशेषज्ञ से संपर्क करें।
Disclaimer:
यह लेख केवल शैक्षिक उद्देश्य के लिए है। हार्ट अटैक की स्थिति में तुरंत डॉक्टर या इमरजेंसी हेल्पलाइन से संपर्क करें।