“क्या आपको लगता है कि हार्ट अटैक सिर्फ बुजुर्गों को ही होता है? क्या हर हार्ट अटैक के मरीज को स्टेंट लगवाना ज़रूरी होता है? क्या ब्लड थिनर लेने से हार्ट अटैक पूरी तरह रोका जा सकता है?”
हार्ट अटैक को लेकर ऐसे कई misconceptions और मिथक प्रचलित हैं।आइए जानते हैं 10 सबसे बड़े और डिबेटेबल मिथ्स, जो आपके दिल की सेहत के लिए घातक हो सकते हैं!
मिथक 1: हार्ट अटैक सिर्फ बुजुर्गों को होता है।
सच्चाई:
हार्ट अटैक सिर्फ बुजुर्गों तक सीमित नहीं है। आजकल 30-40 साल के युवा भी हार्ट अटैक का शिकार हो रहे हैं। अनहेल्दी डाइट, तनाव, धूम्रपान और मोटापा इसकी प्रमुख वजहें हैं।
मिथक 2: अगर छाती में दर्द नहीं हो रहा, तो यह हार्ट अटैक नहीं है।
सच्चाई:
छाती में दर्द हार्ट अटैक का प्रमुख लक्षण है, लेकिन यह हर मरीज में नहीं होता। कुछ लोगों में सांस फूलना, अत्यधिक पसीना, जबड़े या पीठ में दर्द, उल्टी या चक्कर आना भी हार्ट अटैक के लक्षण हो सकते हैं।
मिथक 3: हर हार्ट अटैक के मरीज को स्टेंट लगवाना ज़रूरी होता है।
सच्चाई:
स्टेंट (Angioplasty) हर हार्ट अटैक के मरीज के लिए जरूरी नहीं होता। अगर ब्लॉकेज गंभीर नहीं है और दवाओं से कंट्रोल हो सकता है, तो स्टेंट की जरूरत नहीं पड़ती। कई मरीजों में सिर्फ लाइफस्टाइल सुधार और दवाइयों से भी हार्ट अटैक को कंट्रोल किया जा सकता है।
मिथक 4: हार्ट अटैक के लिए केवल कोलेस्ट्रॉल जिम्मेदार होता है।
सच्चाई:
हार्ट अटैक का कारण सिर्फ हाई कोलेस्ट्रॉल नहीं है। ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, तनाव, धूम्रपान, और आनुवंशिक कारण भी इसकी प्रमुख वजहें हो सकते हैं।
मिथक 5: सिर्फ पुरुषों को ही हार्ट अटैक होता है, महिलाओं को नहीं।
सच्चाई:
महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण अलग हो सकते हैं, जैसे – मतली, पीठ दर्द, अत्यधिक थकान, और सांस फूलना। इसलिए, महिलाएं अक्सर इसे पहचान नहीं पातीं और इलाज में देरी हो जाती है।
मिथक 6: हार्ट अटैक का मतलब है कि आपका दिल हमेशा के लिए खराब हो गया।
सच्चाई:
अगर हार्ट अटैक के तुरंत बाद सही इलाज मिल जाए, तो मरीज सामान्य जीवन जी सकता है। एंजियोप्लास्टी, बाईपास सर्जरी, दवाइयां और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाकर हार्ट की कार्यक्षमता को बेहतर बनाया जा सकता है।
मिथक 7: क्या ब्लड थिनर लेने से हार्ट अटैक पूरी तरह रोका जा सकता है?
सच्चाई:
ब्लड थिनर हार्ट अटैक के जोखिम को कम तो कर सकता है, लेकिन यह शत-प्रतिशत सुरक्षा नहीं देता। हार्ट अटैक से बचने के लिए व्यायाम, हेल्दी डाइट और नियमित हेल्थ चेकअप भी जरूरी हैं।
मिथक 8: हार्ट अटैक के बाद दवाओं की जरूरत नहीं होती अगर आप अच्छा महसूस कर रहे हैं।
सच्चाई:
बहुत से लोग सोचते हैं कि अगर वे ठीक महसूस कर रहे हैं, तो उन्हें दवाएं बंद कर देनी चाहिए। यह गलती बहुत भारी पड़ सकती है। हार्ट अटैक के बाद कई दवाएं जीवनभर लेनी पड़ती हैं, जो रक्त प्रवाह को सामान्य बनाए रखती हैं।
मिथक 9: अगर आपको कभी हार्ट अटैक नहीं हुआ, तो आपको हार्ट हेल्थ की चिंता करने की जरूरत नहीं।
सच्चाई:
हार्ट अटैक अचानक हो सकता है, खासकर अगर आप ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल, या ब्लड शुगर की नियमित जांच नहीं कराते। इसलिए, 30 की उम्र के बाद हर साल दिल की जांच कराना ज़रूरी है।
मिथक 10: हार्ट अटैक आने के बाद जीवन खत्म हो जाता है।
सच्चाई:
हार्ट अटैक के बाद भी लोग सही देखभाल, मेडिसिन, संतुलित आहार और एक्सरसाइज से लंबे और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।
हार्ट अटैक से बचने के लिए क्या करें?
नमक और तली-भुनी चीज़ों से बचें।
धूम्रपान और शराब छोड़ दें।
ब्लड प्रेशर और शुगर रेगुलर चेक कराएं।
नियमित वॉक और योग करें।
तनाव से बचें, मेडिटेशन करें।
रात में 7-8 घंटे की नींद लें।
हर साल हार्ट हेल्थ चेकअप कराएं।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
क्या हार्ट अटैक पूरी तरह से रोका जा सकता है?
नहीं, लेकिन हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाकर और समय-समय पर मेडिकल चेकअप कराकर आप इसे रोकने की संभावना को काफी हद तक कम कर सकते हैं।
हार्ट अटैक के दौरान सबसे पहला कदम क्या होना चाहिए?
तुरंत एम्बुलेंस (108) को कॉल करें, मरीज को आरामदायक स्थिति में लिटाएं और एस्पिरिन चबाने के लिए दें।
क्या महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण अलग होते हैं?
हाँ, महिलाओं में छाती में दर्द के बजाय पीठ दर्द, सांस फूलना, मतली और कमजोरी जैसे लक्षण ज्यादा दिखते हैं।
क्या योग और व्यायाम हार्ट अटैक के खतरे को कम कर सकते हैं?
हाँ, रोज़ाना 30 मिनट की फिजिकल एक्टिविटी हार्ट को मजबूत बनाती है और ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल में रखती है।
HealthPil आपकी मदद कैसे कर सकता है?
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Disclaimer:
यह लेख केवल शैक्षिक उद्देश्य के लिए है। हार्ट से जुड़ी किसी भी समस्या के लिए तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।