“क्या आप जानते हैं? 50% से ज्यादा लोग पहला हार्ट अटैक आने से पहले लक्षणों को नज़रअंदाज कर देते हैं – और यह उनकी जान ले सकता है!”
दिल का दौरा क्या है?
दिल का दौरा या हार्ट अटैक (Heart Attack) तब होता है जब हृदय को रक्त पहुंचाने वाली धमनियां अचानक ब्लॉक्ड हो जाती हैं। इससे हृदय की मांसपेशियां ऑक्सीजन के बिना रह जाती हैं और कुछ ही मिनटों में मरने लगती हैं। अगर समय पर इलाज न मिले, तो यह घातक हो सकता है।
दिल के दौरे के कारण जो आपके लिए खतरा बन सकते हैं!
1. धमनियों में रुकावट (Atherosclerosis)
कोलेस्ट्रॉल और फैट के जमाव से हृदय की धमनियां सिकुड़ जाती हैं, जिससे रक्त प्रवाह बाधित होता है।
2. उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure)
अगर आपका ब्लड प्रेशर लंबे समय तक अधिक बना रहता है, तो यह हृदय की धमनियों को नुकसान पहुंचाता है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
3. मधुमेह (Diabetes)
अनियंत्रित ब्लड शुगर हृदय की धमनियों को हार्ड कर सकता है और रक्त प्रवाह को प्रभावित करता है।
4. धूम्रपान और तंबाकू सेवन
सिगरेट में मौजूद निकोटिन और अन्य जहरीले पदार्थ ब्लड वेसल्स को संकीर्ण कर देते हैं और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
5. मोटापा और अनहेल्दी लाइफस्टाइल
अनियमित खान-पान, व्यायाम की कमी और अधिक वजन होना भी प्रमुख कारणों में से एक है।
हार्ट अटैक के डरावने लक्षण जिन्हें लोग नजरअंदाज कर देते हैं!
1. छाती में दर्द (Angina)
यह हार्ट अटैक का सबसे आम लक्षण है। यह दर्द हल्का या तेज हो सकता है और अक्सर कंधे, बांह या गर्दन तक फैल सकता है।
2. सांस फूलना
सीढ़ियां चढ़ने में या हल्का काम करने के दौरान अगर सांस फूलने लगे तो यह एक गंभीर संकेत हो सकता है।
3. अत्यधिक पसीना आना
बिना किसी स्पष्ट कारण के पसीना आना, खासकर ठंडे पसीने (cold sweats) का मतलब हो सकता है कि आपका हृदय संघर्ष कर रहा है।
4. मतली और उल्टी
अगर बिना वजह बार-बार मतली आ रही हो, तो यह हार्ट अटैक की चेतावनी हो सकती है।
5. अत्यधिक थकान और कमजोरी
अगर आप रोजमर्रा के कार्य करने में असमर्थ महसूस कर रहे हैं और बिना किसी कारण बेहद थके हुए हैं, तो यह एक गंभीर संकेत हो सकता है।
अगर किसी को हार्ट अटैक आ जाए तो तुरंत क्या करें?
1. देरी न करें – 108 पर कॉल करें!
अगर आपको लगता है कि किसी को हार्ट अटैक हो सकता है, तो तुरंत आपातकालीन सेवा को कॉल करें। हर सेकंड महत्वपूर्ण होता है।
2. मरीज को आरामदायक स्थिति में बैठाएं
उसे सीधा लिटाएं और उसके कपड़े ढीले करें ताकि सांस लेने में आसानी हो।
3. एस्पिरिन (Aspirin) चबाने दें
एस्पिरिन खून को पतला करने में मदद करती है और ब्लॉकेज को बनने से रोक सकती है।
4. नाइट्रोग्लिसरीन (Nitroglycerin) दें
अगर मरीज पहले से नाइट्रोग्लिसरीन लेता है, तो उसे निर्धारित मात्रा में दें।
5. CPR शुरू करें (अगर मरीज बेहोश हो जाए)
अगर मरीज सांस नहीं ले रहा या नाड़ी महसूस नहीं हो रही, तो छाती को जोर से दबाएं और कृत्रिम सांस दें।
इन 10 टेस्ट से जानिए हार्ट अटैक का खतरा!
ईसीजी (ECG) – दिल की धड़कनों की अनियमितता का पता लगाता है।
ट्रोपोनिन टेस्ट (Troponin Test) – हार्ट डैमेज को दर्शाता है।
2D इकोकार्डियोग्राफी – दिल की कार्यक्षमता चेक करता है।
टीएमटी (Treadmill Test) – हार्ट के स्ट्रेस को मापता है।
सीटी एंजियोग्राफी – धमनियों की रुकावट को जांचता है।
लिपिड प्रोफाइल टेस्ट – कोलेस्ट्रॉल का स्तर बताता है।
ब्लड शुगर टेस्ट – डायबिटीज का पता लगाता है।
एमआरआई हार्ट (MRI Heart) – हार्ट मसल्स को डिटेल में देखता है।
एचएस-सीआरपी (hs-CRP) टेस्ट – धमनियों में सूजन और हार्ट अटैक के जोखिम को दिखाता है।
होल्टर मॉनिटरिंग – 24 घंटे तक हार्ट रिदम की निगरानी करता है।
हार्ट अटैक का इलाज और बचाव
दवाइयां: ब्लड थिनर, स्टैटिन, बीटा-ब्लॉकर्स आदि।
एंजियोप्लास्टी: ब्लॉकेज खोलने के लिए स्टेंट डाला जाता है।
बायपास सर्जरी: नई धमनियों के जरिए ब्लड फ्लो सुचारु किया जाता है।
पेसमेकर: अनियमित हार्ट रिदम को सुधारने के लिए इलेक्ट्रिक डिवाइस लगाया जाता है।
लाइफस्टाइल सुधार: आहार, व्यायाम और मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान दें।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट में क्या फर्क है?
हार्ट अटैक तब होता है जब हृदय की धमनियां ब्लॉक हो जाती हैं, जबकि कार्डियक अरेस्ट तब होता है जब दिल अचानक धड़कना बंद कर देता है।
हार्ट अटैक के बाद क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?
कम फैट वाली डाइट लें, रेगुलर एक्सरसाइज करें, डॉक्टर की दवाएं नियमित रूप से लें।
क्या महिलाएं भी हार्ट अटैक से प्रभावित होती हैं?
हाँ, और अक्सर उनके लक्षण पुरुषों से अलग होते हैं जैसे अत्यधिक थकान, सांस फूलना और पीठ या जबड़े में दर्द।
HealthPil आपकी मदद कैसे कर सकता है?
HealthPil पर कई जाने माने हृदय रोग विशेषज्ञ उपलब्ध हैं जो आपकी स्थिति का सही आकलन कर सकते हैं, आपके टेस्ट रिपोर्ट्स की समीक्षा कर सकते हैं और उचित परामर्श दे सकते हैं। समय पर जांच और सही उपचार से आप अपने दिल को सुरक्षित रख सकते हैं।