क्या आपने या आपके किसी जानने वाले ने अचानक शरीर के एक हिस्से में कमजोरी, बोलने में कठिनाई, या आंखों के सामने धुंधलापन महसूस किया है? ये स्ट्रोक (Stroke) के संकेत हो सकते हैं। स्ट्रोक एक गंभीर और जानलेवा स्थिति है जिसका समय पर इलाज करके रोगी को बचाया जा सकता है। आइए जानते हैं स्ट्रोक के कारण, लक्षण, और डॉक्टर इसका इलाज कैसे करते हैं।
स्ट्रोक क्या है?
स्ट्रोक तब होता है जब मस्तिष्क में blood का प्रवाह रुक जाता है या उसकी सप्लाई कम हो जाती है, तब मस्तिष्क को oxygen और nutrition नहीं मिल पाता, जिससे नर्व सेल्स मरने लगती हैं। यह दो प्रकार का होता है:
Ischemic Stroke: ये सबसे common type है, जो तब होता है जब दिमाग की किसी artery में खून का थक्का बन जाए या blockage आ जाए।
Hemorrhagic Stroke: ये तब होता है जब brain की कोई blood vessel rupture हो जाती है, जिससे दिमाग में bleeding हो जाती है।
स्ट्रोक के लक्षण:
एक तरफ शरीर सुन्न हो जाना (Hemiparesis)
बोलने में कठिनाई (Aphasia)
आंखों के सामने धुंधलापन (Blurred Vision)
सिर में तेज दर्द, चक्कर आना (Severe Headache, Dizziness)
स्ट्रोक के कारण:
उच्च रक्तचाप (Hypertension)
मधुमेह (Diabetes)
हृदय रोग (Heart Disease)
धूम्रपान और शराब का सेवन (Smoking and Alcohol Consumption)
Stroke की Diagnosis:
Stroke की पहचान के लिए डॉक्टर ये tests कर सकते हैं:
CT Scan और MRI: दिमाग की imaging के लिए।
Carotid Ultrasound: यह check करता है कि neck की arteries में blockage तो नहीं है।
Blood Tests: ताकि यह पता चल सके कि blood clots बनने का खतरा कितना है।
स्ट्रोक का इलाज:
Ischemic Stroke का इलाज: अगर थक्का blood vessel को block करता है, तो doctor Thrombolytic therapy (tPA) का use करते हैं। इस दवा से blood clots को तोड़ा जाता है और brain में blood flow दोबारा शुरू किया जाता है।
Hemorrhagic Stroke का इलाज: अगर खून बह रहा है, तो डॉक्टर surgical intervention करते हैं, जिसमें ब्लड फ्लो को रोकने के लिए सर्जरी की जाती है और मस्तिष्क में दबाव को कम किया जाता है।
फिजिकल थेरेपी (Rehabilitation): इलाज के बाद, मरीज को Physiotherapy, Speech Therapy (बोलने की प्रक्रिया को सुधारने के लिए), और Occupational Therapy (दैनिक जीवन की गतिविधियों को सुधारने के लिए) की आवश्यकता हो सकती है। इन ट्रीटमेंट्स से ब्रेन की डैमेज्ड सेल्स के रीकंस्ट्रक्शन में हेल्प मिलती है, जिससे पेशेंट को नॉर्मल लाइफ जीने में मदद होती है।
स्ट्रोक से बचाव के उपाय:
बीपी और शुगर का लेवल कंट्रोल में रखें (Control Blood Pressure and Blood Sugar)
स्वस्थ आहार और नियमित व्यायाम करें (Healthy Diet and Regular Exercise)
धूम्रपान और शराब से दूर रहें (Avoid Smoking and Alcohol)
डिस्क्लेमर:
यह जानकारी सिर्फ आपकी सामान्य जानकारी के लिए है। अगर आपको neurological problems हैं, जैसे migraine, epilepsy, stroke, nerve weakness या कोई और समस्या, तो ज़रूरी है कि आप एक क्वालिफाइड डॉक्टर से सलाह लें। हमारी वेबसाइट पर दी गई जानकारी किसी भी मेडिकल ट्रीटमेंट का ऑप्शन नहीं है। हम आपको सलाह देते हैं कि अपनी हेल्थ से जुड़ी समस्याओं के लिए HealthPil के एक्सपर्ट डॉक्टरों से परामर्श करें, ताकि आपको सही डायग्नोसिस और इलाज मिल सके।
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